विष्णु सहस्रनाम
विष्णु सहस्रनाम के लाभ और महत्व:
मुख्य लाभ:
- सर्वकामना पूर्ति: इसके पाठ से सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
- पाप नाश: सभी प्रकार के पापों का नाश होता है।
- आयु वृद्धि: आयु में वृद्धि होती है।
- ज्ञान प्राप्ति: ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है।
- आरोग्य लाभ: सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है।
- धन वृद्धि: धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
- मोक्ष प्राप्ति: भवसागर से मुक्ति मिलती है।
- मानसिक शांति: मन को शांति और स्थिरता मिलती है।
पाठ विधि:
- एकादशी, द्वादशी और पूर्णिमा के दिन पाठ विशेष फलदायी होता है।
- प्रातः स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण कर पाठ करें।
- विष्णु जी की मूर्ति या चित्र के सामने पाठ करें।
- नियमित पाठ से विशेष लाभ मिलता है।
- भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करके पाठ प्रारंभ करें।
- एकाग्रता और श्रद्धा से पाठ करें।
॥ श्री विष्णु सहस्रनाम ॥
विश्वं विष्णुर्वषट्कारो भूतभव्यभवत्प्रभुः।
भूतकृद्भूतभृद्भावो भूतात्मा भूतभावनः॥1॥
पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमा गतिः।
अव्ययः पुरुषः साक्षी क्षेत्रज्ञोऽक्षर एव च॥2॥
योगो योगविदां नेता प्रधानपुरुषेश्वरः।
नारसिंहवपुः श्रीमान् केशवः पुरुषोत्तमः॥3॥
सर्वः शर्वः शिवः स्थाणुर्भूतादिर्निधिरव्ययः।
संभवो भावनो भर्ता प्रभवः प्रभुरीश्वरः॥4॥
स्वयंभूः शम्भुरादित्यः पुष्कराक्षो महास्वनः।
अनादिनिधनो धाता विधाता धातुरुत्तमः॥5॥
अप्रमेयो हृषीकेशः पद्मनाभोऽमरप्रभुः।
विश्वकर्मा मनुस्त्वष्टा स्थविष्ठः स्थविरो ध्रुवः॥6॥
अग्राह्यः शाश्वतः कृष्णो लोहिताक्षः प्रतर्दनः।
प्रभूतस्त्रिककुब्धाम पवित्रं मङ्गलं परम्॥7॥