Sundarkand

सुन्दरकाण्ड

रामायण का सुन्दर काण्ड

सुन्दरकाण्ड

सुन्दरकाण्ड के लाभ और महत्व:

मुख्य लाभ:

  • संकट निवारण: सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है।
  • श्री राम कृपा: श्री राम की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  • भय मुक्ति: सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है।
  • रोग नाश: समस्त रोगों का नाश होता है।
  • मनोकामना पूर्ति: मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
  • ग्रह शांति: ग्रहों के दोष शांत होते हैं।
  • दुष्प्रभाव नाश: बुरे प्रभावों और नकारात्मकता का नाश होता है।
  • परिवार सुख: घर में सुख-शांति बनी रहती है।

पाठ विधि:

  • मंगलवार और शनिवार को पाठ विशेष फलदायी होता है।
  • प्रातः स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण कर पाठ करें।
  • श्री राम और हनुमान जी के चित्र के सामने दीप जलाकर पाठ करें।
  • पाठ शुरू करने से पहले संकल्प लें।
  • पूरे विश्वास और भक्ति के साथ पाठ करें।
  • पाठ के बाद आरती करें।
  • 41 दिन का अनुष्ठान विशेष फलदायी होता है।

॥ सुन्दरकाण्ड - प्रथम सर्ग ॥

तत: समुद्रं तीर्त्वा तु लङ्कां रावणपालिताम् ।
दद्र्श विपुलप्रख्यो हनूमान्‌ कपिकुञ्जरः ॥1॥

सूर्ये कर्मण्युपरते संध्यायां वोदिते रवौ ।
लङ्कां प्राप्तस्तु हनुमान्‌ चिन्तामाप तत्त्वतः ॥2॥

मनुष्यलोके सिद्धिः च विपुला या प्रकीर्तिता ।
तामनेन तपस्विन्या प्राप्तां लोकायतात्मिकाम् ॥3॥

वज्रसारैः प्राकारैश्च पाण्डुरैश्च महागृहैः ।
दद्र्श दरिभिश्च्चावच्चैः पर्वतैरुपशोभिताम् ॥4॥

ताम्राय्सकृतोपेतां कपिसेतुभिरावृताम् ।
लङ्कां रावणराजस्य दुरासदां सुरैरपि ॥5॥